प्रतिनारायण: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) नारायणों के शत्रु । ये अधोगामी होते हैं और निदान पूर्वक मरण करते हैं । ये नौ हैं― अश्वग्रीव, तारक, मेरुक, निशुंभ, मधुकैटभ, बलि, प्रहरण, रावण और जरासंध । <span class="GRef"> महापुराण, </span>के अनुसार इनके नाम हैं― अश्वग्रीव, तारक, मधु, मधुसूदन, | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) नारायणों के शत्रु । ये अधोगामी होते हैं और निदान पूर्वक मरण करते हैं । ये नौ हैं― अश्वग्रीव, तारक, मेरुक, निशुंभ, मधुकैटभ, बलि, प्रहरण, रावण और जरासंध । <span class="GRef"> महापुराण, </span>के अनुसार इनके नाम हैं― अश्वग्रीव, तारक, मधु, मधुसूदन, मधुक्रीड़, निशुंभ, बलींद्र, रावण और जरासंध । <span class="GRef"> महापुराण 57.87-90, 58. 102-115, 59,99, 60. 71, 78, 61. 81, 65. 180-184, 66.109-110, 68.625-660, 71. 54, 69, 76-77, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#291|हरिवंशपुराण - 60.291-293]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) भविष्यत् कालीन प्रतिनारायण ये हैं― श्रीकंठ, हरिकंठ, नीलकंठ, अश्वकंठ, सुकंठ, शिखिकंठ, अस्वग्रीव, हयग्रीव और मयूरग्रीव । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.568-570 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) भविष्यत् कालीन प्रतिनारायण ये हैं― श्रीकंठ, हरिकंठ, नीलकंठ, अश्वकंठ, सुकंठ, शिखिकंठ, अस्वग्रीव, हयग्रीव और मयूरग्रीव । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#568|हरिवंशपुराण - 60.568-570]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
(1) नारायणों के शत्रु । ये अधोगामी होते हैं और निदान पूर्वक मरण करते हैं । ये नौ हैं― अश्वग्रीव, तारक, मेरुक, निशुंभ, मधुकैटभ, बलि, प्रहरण, रावण और जरासंध । महापुराण, के अनुसार इनके नाम हैं― अश्वग्रीव, तारक, मधु, मधुसूदन, मधुक्रीड़, निशुंभ, बलींद्र, रावण और जरासंध । महापुराण 57.87-90, 58. 102-115, 59,99, 60. 71, 78, 61. 81, 65. 180-184, 66.109-110, 68.625-660, 71. 54, 69, 76-77, हरिवंशपुराण - 60.291-293
(2) भविष्यत् कालीन प्रतिनारायण ये हैं― श्रीकंठ, हरिकंठ, नीलकंठ, अश्वकंठ, सुकंठ, शिखिकंठ, अस्वग्रीव, हयग्रीव और मयूरग्रीव । हरिवंशपुराण - 60.568-570