प्रदीपांग: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> भोगभूमि में प्राप्त दस प्रकार के कल्पवृक्षों में एक विशिष्ट जाति के कल्पवृक्ष । इनकी दीपकों जैसी आभा वाली शाखाएँ होती है तथा इनके पत्ते कमल की कलियों जैसे होते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 7.81-83 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> भोगभूमि में प्राप्त दस प्रकार के कल्पवृक्षों में एक विशिष्ट जाति के कल्पवृक्ष । इनकी दीपकों जैसी आभा वाली शाखाएँ होती है तथा इनके पत्ते कमल की कलियों जैसे होते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_7#81|हरिवंशपुराण - 7.81-83]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
भोगभूमि में प्राप्त दस प्रकार के कल्पवृक्षों में एक विशिष्ट जाति के कल्पवृक्ष । इनकी दीपकों जैसी आभा वाली शाखाएँ होती है तथा इनके पत्ते कमल की कलियों जैसे होते हैं । हरिवंशपुराण - 7.81-83