प्राभृत-प्राभृत: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> श्रुतज्ञान के बीस भेदों में तेरहवाँ भेद । यह ज्ञान अनुयोग समास ज्ञान में एक अक्षर रूप श्रुतज्ञान की वृद्धि होने से होता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.12-13 </span>देखें [[ श्रुतज्ञान ]]</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> श्रुतज्ञान के बीस भेदों में तेरहवाँ भेद । यह ज्ञान अनुयोग समास ज्ञान में एक अक्षर रूप श्रुतज्ञान की वृद्धि होने से होता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_10#12|हरिवंशपुराण - 10.12-13]] </span>देखें [[ श्रुतज्ञान ]]</p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
श्रुतज्ञान के बीस भेदों में तेरहवाँ भेद । यह ज्ञान अनुयोग समास ज्ञान में एक अक्षर रूप श्रुतज्ञान की वृद्धि होने से होता है । हरिवंशपुराण - 10.12-13 देखें श्रुतज्ञान