बुद्धिकूट: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
| | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
रुक्मि पर्वतस्थ एक कूट | रुक्मि पर्वतस्थ एक कूट | कूट के अन्य प्रकारों के लिए देखें - [[ लोक - 5.4.8 ]]। | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: ब]] | [[Category: ब]] | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> रुक्मि-पर्वतस्य आठ कूटों में पाँचवाँ कूट । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.102-104 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> रुक्मि-पर्वतस्य आठ कूटों में पाँचवाँ कूट । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#102|हरिवंशपुराण - 5.102-104]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 24: | Line 23: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: ब]] | [[Category: ब]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
रुक्मि पर्वतस्थ एक कूट | कूट के अन्य प्रकारों के लिए देखें - लोक - 5.4.8 ।
पुराणकोष से
रुक्मि-पर्वतस्य आठ कूटों में पाँचवाँ कूट । हरिवंशपुराण - 5.102-104