महाशुक्र: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(7 intermediate revisions by 4 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
<ol> | <ol> | ||
<li> स्वर्गों में 10 वाँ कल्प–देखें [[ | <li> <p class="HindiText">स्वर्गों में 10 वाँ कल्प–देखें [[ स्वर्ग_देव#5.5.2 | स्वर्ग - 5.5.2]]। </p> </li> | ||
<li> शुक्र स्वर्ग का एक पटल व इंद्रक–देखें [[ स्वर्ग#2 | स्वर्ग - 2]]। </li> | <li> <p class="HindiText">शुक्र स्वर्ग का एक पटल व इंद्रक–देखें [[ स्वर्ग#2 | स्वर्ग - 2]]। </p></li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Line 12: | Line 13: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: म]] | [[Category: म]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] | |||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p id="1"> (1) दसवाँ स्वर्ग । <span class="GRef"> महापुराण 57.82, 59.226, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 105, 168, | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) दसवाँ स्वर्ग । <span class="GRef"> महापुराण 57.82, 59.226, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 105, 168, [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#25|हरिवंशपुराण - 4.25]], 6.37 </span><span class="GRef"> </span></p> | ||
<p id="2">(2) एक विमान । <span class="GRef"> महापुराण 58.13 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) एक विमान । <span class="GRef"> महापुराण 58.13 </span></p> | ||
<p id="3">(3) इस नाम के विमान में उत्पन्न इंद्र । <span class="GRef"> महापुराण 58.13 </span> | <p id="3" class="HindiText">(3) इस नाम के विमान में उत्पन्न इंद्र । <span class="GRef"> महापुराण 58.13-15 </span></p> | ||
<p id="4">(4) जरासंध का एक पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 52.33 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) जरासंध का एक पुत्र । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_52#33|हरिवंशपुराण - 52.33]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 29: | Line 30: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: म]] | [[Category: म]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
-
स्वर्गों में 10 वाँ कल्प–देखें स्वर्ग - 5.5.2।
-
शुक्र स्वर्ग का एक पटल व इंद्रक–देखें स्वर्ग - 2।
पुराणकोष से
(1) दसवाँ स्वर्ग । महापुराण 57.82, 59.226, पद्मपुराण 105, 168, हरिवंशपुराण - 4.25, 6.37
(2) एक विमान । महापुराण 58.13
(3) इस नाम के विमान में उत्पन्न इंद्र । महापुराण 58.13-15
(4) जरासंध का एक पुत्र । हरिवंशपुराण - 52.33