महोत्साह: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> महेंद्रनगर के राजा महेंद्र का सामंत । इसने अंजना को निर्दोष बताकर उसे शरण देने की राजा से याचना की थी किंतु इसकी इस याचना का राजा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_17#40|पद्मपुराण - 17.40-50]] </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> महेंद्रनगर के राजा महेंद्र का सामंत । इसने अंजना को निर्दोष बताकर उसे शरण देने की राजा से याचना की थी किंतु इसकी इस याचना का राजा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_17#40|पद्मपुराण - 17.40-50]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
महेंद्रनगर के राजा महेंद्र का सामंत । इसने अंजना को निर्दोष बताकर उसे शरण देने की राजा से याचना की थी किंतु इसकी इस याचना का राजा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था । पद्मपुराण - 17.40-50