माहिष्मती: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> भरतक्षेत्र के आर्यखंड की एक नगरी । हरिवंशी राजा ऐलेय ने यह नगरी नर्मदा नदी के तट पर बसायी थी तथा यहाँ चिरकाल तक राज्य किया था । यहाँ का राज्य वे अपने पुत्र कुणिक को देकर दीक्षित हो गये थे । रावण के समय में यहाँ का राजा सहस्ररश्मि था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_10#65|पद्मपुराण - 10.65]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_22#165|पद्मपुराण - 22.165], </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 17. 3, 17-22 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> भरतक्षेत्र के आर्यखंड की एक नगरी । हरिवंशी राजा ऐलेय ने यह नगरी नर्मदा नदी के तट पर बसायी थी तथा यहाँ चिरकाल तक राज्य किया था । यहाँ का राज्य वे अपने पुत्र कुणिक को देकर दीक्षित हो गये थे । रावण के समय में यहाँ का राजा सहस्ररश्मि था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_10#65|पद्मपुराण - 10.65]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_22#165|पद्मपुराण - 22.165], </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_17#3|हरिवंशपुराण - 17.3]], 17-22 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
भरतक्षेत्र के आर्यखंड की एक नगरी । हरिवंशी राजा ऐलेय ने यह नगरी नर्मदा नदी के तट पर बसायी थी तथा यहाँ चिरकाल तक राज्य किया था । यहाँ का राज्य वे अपने पुत्र कुणिक को देकर दीक्षित हो गये थे । रावण के समय में यहाँ का राजा सहस्ररश्मि था । पद्मपुराण - 10.65,[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_22#165|पद्मपुराण - 22.165], हरिवंशपुराण - 17.3, 17-22