मिथ्यातप: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> संसार का कारणभूत तप । ऐसा तपस्वी अल्प ऋद्धिधारी देव हो सकता है और वहाँ से चयकर मनुष्य पर्याय भी प्राप्त कर सकता है, पर भवभ्रमण से नहीं छूटता । <span class="GRef"> पद्मपुराण 114.36 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> संसार का कारणभूत तप । ऐसा तपस्वी अल्प ऋद्धिधारी देव हो सकता है और वहाँ से चयकर मनुष्य पर्याय भी प्राप्त कर सकता है, पर भवभ्रमण से नहीं छूटता । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_114#36|पद्मपुराण - 114.36]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
संसार का कारणभूत तप । ऐसा तपस्वी अल्प ऋद्धिधारी देव हो सकता है और वहाँ से चयकर मनुष्य पर्याय भी प्राप्त कर सकता है, पर भवभ्रमण से नहीं छूटता । पद्मपुराण - 114.36