मृत्यु-आशंका: Difference between revisions
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मरणाशंसा । यह सल्लेखनाव्रत का दूसरा अतिचार है । इसमें पीड़ा से व्याकुलित होकर शीघ्र मरने की इच्छा की जाती है । हरिवंशपुराण - 58.184