मेरुकदत्त: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> एक श्रेष्ठी । इसकी स्त्री का नाम धारिणी था । इसके शास्त्रज्ञ चार मंत्री थे― भूतार्थ, शकुनि, बृहस्पति और धंवंतरि । इसने और इसकी पत्नी दोनों ने पुष्कलावती देश के धान्यकमाल नगर के सामंत शक्तिवेग और उसकी पत्नी अटवीश्री को मुनियों को आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त करते हुए देखकर अगले जन्म में उन दोनों को अपने यहाँ उत्पन्न होने का निदान किया था । <span class="GRef"> महापुराण 46.94-96, 112-113, 123-125 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक श्रेष्ठी । इसकी स्त्री का नाम धारिणी था । इसके शास्त्रज्ञ चार मंत्री थे― भूतार्थ, शकुनि, बृहस्पति और धंवंतरि । इसने और इसकी पत्नी दोनों ने पुष्कलावती देश के धान्यकमाल नगर के सामंत शक्तिवेग और उसकी पत्नी अटवीश्री को मुनियों को आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त करते हुए देखकर अगले जन्म में उन दोनों को अपने यहाँ उत्पन्न होने का निदान किया था । <span class="GRef"> महापुराण 46.94-96, 112-113, 123-125 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: म]] | [[Category: म]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
एक श्रेष्ठी । इसकी स्त्री का नाम धारिणी था । इसके शास्त्रज्ञ चार मंत्री थे― भूतार्थ, शकुनि, बृहस्पति और धंवंतरि । इसने और इसकी पत्नी दोनों ने पुष्कलावती देश के धान्यकमाल नगर के सामंत शक्तिवेग और उसकी पत्नी अटवीश्री को मुनियों को आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त करते हुए देखकर अगले जन्म में उन दोनों को अपने यहाँ उत्पन्न होने का निदान किया था । महापुराण 46.94-96, 112-113, 123-125