मैरेय: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> उत्तरकुरु-भोगमूमि के निवासियों का एक पेय पदार्थ । यह मद्यांग जाति के कल्पवृक्षों से निकाला जाता था । यह सुगंधित और अभूत के समान स्वादिष्ट होता था । <span class="GRef"> महापुराण 9.37 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> उत्तरकुरु-भोगमूमि के निवासियों का एक पेय पदार्थ । यह मद्यांग जाति के कल्पवृक्षों से निकाला जाता था । यह सुगंधित और अभूत के समान स्वादिष्ट होता था । <span class="GRef"> महापुराण 9.37 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
उत्तरकुरु-भोगमूमि के निवासियों का एक पेय पदार्थ । यह मद्यांग जाति के कल्पवृक्षों से निकाला जाता था । यह सुगंधित और अभूत के समान स्वादिष्ट होता था । महापुराण 9.37