यवन: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(5 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
<ol> | <ol> | ||
<li class="HindiText"> भरतक्षेत्र उत्तर आर्य खंड का एक देश−देखें [[ मनुष्य#4 | मनुष्य - 4]]; </li> | <li class="HindiText"> भरतक्षेत्र उत्तर आर्य खंड का एक देश−देखें [[ मनुष्य#4 | मनुष्य - 4]]; </li> | ||
<li class="HindiText"> यूनान का पुराना नाम है। ( महापुराण/ प्र./50/पन्नालाल)। </li> | <li class="HindiText"> यूनान का पुराना नाम है। <span class="GRef">( महापुराण/ </span>प्र./50/पन्नालाल)। </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
Line 11: | Line 12: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: | [[Category: करणानुयोग]] | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p id="1"> (1) भरतेश के छोटे भाइयों द्वारा | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) भरतेश के छोटे भाइयों द्वारा छोड़े गये देशों में भरतक्षेत्र के उत्तर आर्यखंड का एक देश । इस पर भरतेश का स्वामित्व हो था । <span class="GRef"> महापुराण 16.155, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_101#81|पद्मपुराण - 101.81]], </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_3#5|हरिवंशपुराण - 3.5]], 11. 66 </span></p> | ||
<p id="2">(2) यादवों का पक्षधर एक अर्धरथी नृप । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 50. 84 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) यादवों का पक्षधर एक अर्धरथी नृप । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_50#84|हरिवंशपुराण - 50.84]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 27: | Line 28: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: य]] | [[Category: य]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- भरतक्षेत्र उत्तर आर्य खंड का एक देश−देखें मनुष्य - 4;
- यूनान का पुराना नाम है। ( महापुराण/ प्र./50/पन्नालाल)।
पुराणकोष से
(1) भरतेश के छोटे भाइयों द्वारा छोड़े गये देशों में भरतक्षेत्र के उत्तर आर्यखंड का एक देश । इस पर भरतेश का स्वामित्व हो था । महापुराण 16.155, पद्मपुराण - 101.81, हरिवंशपुराण - 3.5, 11. 66
(2) यादवों का पक्षधर एक अर्धरथी नृप । हरिवंशपुराण - 50.84