रसायनपाक: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> भरतक्षेत्र में सिंहपुर नगर के राजा कुंभ का रसोइया । यह राजा को नर-मांस देकर जीवित रखता था । एक दिन राजा ने इस रसोइये को ही मारकर विद्या सिद्ध की थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.205-209, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 4.119-123 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> भरतक्षेत्र में सिंहपुर नगर के राजा कुंभ का रसोइया । यह राजा को नर-मांस देकर जीवित रखता था । एक दिन राजा ने इस रसोइये को ही मारकर विद्या सिद्ध की थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.205-209, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 4.119-123 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: र]] | [[Category: र]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
भरतक्षेत्र में सिंहपुर नगर के राजा कुंभ का रसोइया । यह राजा को नर-मांस देकर जीवित रखता था । एक दिन राजा ने इस रसोइये को ही मारकर विद्या सिद्ध की थी । महापुराण 62.205-209, पांडवपुराण 4.119-123