रंगतेज: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> सुजन देश के नगरशोभ नगर का नट । मदनलता इसकी स्त्री थी । इस नगर के राजा | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सुजन देश के नगरशोभ नगर का नट । मदनलता इसकी स्त्री थी । इस नगर के राजा दृढ़मित्र ने भाई सुमित्र की पुत्री श्रीचंद्रा के वर की खोज करने के लिए श्रीचंद्रा के पूर्वभव का वृतांत एक पटिये पर अंकित कराकर इसे दिया था । इसने हेमाभनगर में नृत्य का आयोजन किया । नृत्य देखने नंदाढ्य और जीवंधर दोनों गये थे । नंदाढ्य वहाँ पूर्वभव का स्मरण कर मूर्च्छित हुआ । जीवंधर ने उससे उसकी मूर्च्छा का कारण जाना और अंत में श्रीचंद्रा का उससे विवाह करा दिया । <span class="GRef"> (महापुराण 75.438-439, 467-521) </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: र]] | [[Category: र]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सुजन देश के नगरशोभ नगर का नट । मदनलता इसकी स्त्री थी । इस नगर के राजा दृढ़मित्र ने भाई सुमित्र की पुत्री श्रीचंद्रा के वर की खोज करने के लिए श्रीचंद्रा के पूर्वभव का वृतांत एक पटिये पर अंकित कराकर इसे दिया था । इसने हेमाभनगर में नृत्य का आयोजन किया । नृत्य देखने नंदाढ्य और जीवंधर दोनों गये थे । नंदाढ्य वहाँ पूर्वभव का स्मरण कर मूर्च्छित हुआ । जीवंधर ने उससे उसकी मूर्च्छा का कारण जाना और अंत में श्रीचंद्रा का उससे विवाह करा दिया । (महापुराण 75.438-439, 467-521)