लोल: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) विद्याधरों का राजा राम के पक्ष का यह एक योद्धा था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 58.6-7 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) विद्याधरों का राजा राम के पक्ष का यह एक योद्धा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_58#6|पद्मपुराण - 58.6-7]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) दूसरी नरकभूमि वंशा के नवें प्रस्तार का नौवाँ इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ बारह और विदिशाओं में एक सौ आठ श्रेणीबद्ध बिल है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.79, 113 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) दूसरी नरकभूमि वंशा के नवें प्रस्तार का नौवाँ इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ बारह और विदिशाओं में एक सौ आठ श्रेणीबद्ध बिल है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#79|हरिवंशपुराण - 4.79]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#113|हरिवंशपुराण - 4.113]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
नरक की दूसरी पृथ्वी शर्करा प्रभा में ग्यारह पटल हैं । उनमें नवाँ पटल लोल −देखें नरक - 5.11।
पुराणकोष से
(1) विद्याधरों का राजा राम के पक्ष का यह एक योद्धा था । पद्मपुराण - 58.6-7
(2) दूसरी नरकभूमि वंशा के नवें प्रस्तार का नौवाँ इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ बारह और विदिशाओं में एक सौ आठ श्रेणीबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.79,हरिवंशपुराण - 4.113