वज्रदंष्ट्र: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(5 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1"> (1) विद्याधर वश के राजा वज्रसेन का पुत्र । यह वज्रध्वज का पिता था । इसने राम की सहायता की थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.17-18, 54.34-36, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 13. 22, 27.121 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) विद्याधर वश के राजा वज्रसेन का पुत्र । यह वज्रध्वज का पिता था । इसने राम की सहायता की थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#17|पद्मपुराण - 5.17-18]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#54|पद्मपुराण - 5.54]].34-36, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_13#22|हरिवंशपुराण - 13.22]], 27.121 </span></p> | ||
<p id="2">(2) राजा वसुदेव और रानी | <p id="2" class="HindiText">(2) राजा वसुदेव और रानी बालचंद्रा का पुत्र अमितप्रभ का बड़ा भाई था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_48#65|हरिवंशपुराण - 48.65]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) एक विद्याधर । विद्युत्प्रभा इसकी स्त्री थी । मृगशृंग तापस विद्याधर के रूप में जन्म लेने का निदान करने के कारण मरकर इस विद्याधर का विद्युद्दंष्ट्र पुत्र हुआ था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 27.120-121 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) एक विद्याधर । विद्युत्प्रभा इसकी स्त्री थी । मृगशृंग तापस विद्याधर के रूप में जन्म लेने का निदान करने के कारण मरकर इस विद्याधर का विद्युद्दंष्ट्र पुत्र हुआ था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_27#120|हरिवंशपुराण - 27.120-121]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 12: | Line 12: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: व]] | [[Category: व]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) विद्याधर वश के राजा वज्रसेन का पुत्र । यह वज्रध्वज का पिता था । इसने राम की सहायता की थी । पद्मपुराण - 5.17-18,पद्मपुराण - 5.54.34-36, हरिवंशपुराण - 13.22, 27.121
(2) राजा वसुदेव और रानी बालचंद्रा का पुत्र अमितप्रभ का बड़ा भाई था । हरिवंशपुराण - 48.65
(3) एक विद्याधर । विद्युत्प्रभा इसकी स्त्री थी । मृगशृंग तापस विद्याधर के रूप में जन्म लेने का निदान करने के कारण मरकर इस विद्याधर का विद्युद्दंष्ट्र पुत्र हुआ था । हरिवंशपुराण - 27.120-121