वनक्रीडा: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> क्रीडा-विनोद का एक भेद । यह शिशिर के पश्चात् की जाती है । दंपति यहाँ आकर वृक्षों की टहनियाँ हिलाकर और पत्र-पुष्प तोड़कर क्रीडा करते हैं । ऐसी क्रीडा करने वाले यदि पति-पत्नी नहीं होते तो वे समवयस्क अवश्य होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 14.207-208 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> क्रीडा-विनोद का एक भेद । यह शिशिर के पश्चात् की जाती है । दंपति यहाँ आकर वृक्षों की टहनियाँ हिलाकर और पत्र-पुष्प तोड़कर क्रीडा करते हैं । ऐसी क्रीडा करने वाले यदि पति-पत्नी नहीं होते तो वे समवयस्क अवश्य होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 14.207-208 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
क्रीडा-विनोद का एक भेद । यह शिशिर के पश्चात् की जाती है । दंपति यहाँ आकर वृक्षों की टहनियाँ हिलाकर और पत्र-पुष्प तोड़कर क्रीडा करते हैं । ऐसी क्रीडा करने वाले यदि पति-पत्नी नहीं होते तो वे समवयस्क अवश्य होते हैं । महापुराण 14.207-208