वादी: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p id="1">(1) सिद्धांतों के प्रतिष्ठापक मुनि । वृषभदेव की सभा में ऐसे मुनियों का एक संघ था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12. 71, 77, 59.130 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) सिद्धांतों के प्रतिष्ठापक मुनि । वृषभदेव की सभा में ऐसे मुनियों का एक संघ था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_12#71|हरिवंशपुराण - 12.71]], 77, 59.130 </span></p> | ||
<p id="2">(2) स्वर-प्रयोग के चार भेदों में प्रथम भेद । वसुदेव इसे जानते थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 19.154 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) स्वर-प्रयोग के चार भेदों में प्रथम भेद । वसुदेव इसे जानते थे । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_19#154|हरिवंशपुराण - 19.154]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 11: | Line 11: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: व]] | [[Category: व]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) सिद्धांतों के प्रतिष्ठापक मुनि । वृषभदेव की सभा में ऐसे मुनियों का एक संघ था । हरिवंशपुराण - 12.71, 77, 59.130
(2) स्वर-प्रयोग के चार भेदों में प्रथम भेद । वसुदेव इसे जानते थे । हरिवंशपुराण - 19.154