विजयसेन: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(13 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText"> | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
< | <ol> | ||
</ | <p class="HindiText"> 1. श्रुतावतार के अनुसार भद्रबाहु श्रुतकेवली के पश्चात् आठवें, 11 अंग व 10 पूर्व के धारी हुए। समय–वी. नि. 282-295 (ई.पू. 245-232)।–देखें [[ इतिहास#4.4 | इतिहास - 4.4]]।</li></p> | ||
<p class="HindiText"> 2. तत्त्वानुशासन के रचयिता श्री नागसेन (ई. 1047) के दादागुरु। समय–नागसेन के अनुसार ई. श. 10। </li></p> | |||
</ol> | |||
<noinclude> | |||
[[ | [[ विजयसुंदरी | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[Category:व]] | [[ विजयसेना | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: व]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<div class="HindiText"> <p class="HindiText"> मृणालकुंड नगर का राजा । रत्नचूला इसकी रानी तथा वज्रकंबु पुत्र था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_106#133|पद्मपुराण - 106.133-134]] </span>दे0-वचकंबु</p> | |||
</div> | |||
<noinclude> | |||
[[ विजयसुंदरी | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ विजयसेना | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: व]] | |||
[[Category: इतिहास]] | |||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
1. श्रुतावतार के अनुसार भद्रबाहु श्रुतकेवली के पश्चात् आठवें, 11 अंग व 10 पूर्व के धारी हुए। समय–वी. नि. 282-295 (ई.पू. 245-232)।–देखें इतिहास - 4.4।
2. तत्त्वानुशासन के रचयिता श्री नागसेन (ई. 1047) के दादागुरु। समय–नागसेन के अनुसार ई. श. 10।
पुराणकोष से
मृणालकुंड नगर का राजा । रत्नचूला इसकी रानी तथा वज्रकंबु पुत्र था । पद्मपुराण - 106.133-134 दे0-वचकंबु