विदारणक्रिया: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
देखें [[ क्रिया#3 | क्रिया - 3]]। | देखें [[ क्रिया#3 | क्रिया - 3]]। | ||
Line 12: | Line 13: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> सांपरायिक आस्रव की अठारहवीं क्रिया । इसमें दूसरों के द्वारा आचरित पापपूर्ण क्रियाओं को प्रकट किया जाता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.76 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सांपरायिक आस्रव की अठारहवीं क्रिया । इसमें दूसरों के द्वारा आचरित पापपूर्ण क्रियाओं को प्रकट किया जाता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_58#76|हरिवंशपुराण - 58.76]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 23: | Line 24: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: व]] | [[Category: व]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
देखें क्रिया - 3।
पुराणकोष से
सांपरायिक आस्रव की अठारहवीं क्रिया । इसमें दूसरों के द्वारा आचरित पापपूर्ण क्रियाओं को प्रकट किया जाता है । हरिवंशपुराण - 58.76