सचित्त-सन्मिश्राहार: Difference between revisions
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<p> उपभोगपरिमाणव्रत के पाँच अतिचारों में तीसरा अतिचार । सचित्त से मिश्रित अचित्त वस्तुओं का सेवन करना सचित्तसन्मिश्राहार अतिचार कहलाता है । हरिवंशपुराण 58.182</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> उपभोगपरिमाणव्रत के पाँच अतिचारों में तीसरा अतिचार । सचित्त से मिश्रित अचित्त वस्तुओं का सेवन करना सचित्तसन्मिश्राहार अतिचार कहलाता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_58#182|हरिवंशपुराण - 58.182]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
उपभोगपरिमाणव्रत के पाँच अतिचारों में तीसरा अतिचार । सचित्त से मिश्रित अचित्त वस्तुओं का सेवन करना सचित्तसन्मिश्राहार अतिचार कहलाता है । हरिवंशपुराण - 58.182