स्वायंभुव: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) वृषभदेव द्वारा बनाया गया एक अनुपलब्ध व्याकरण शास्त्र । इसमें सौ से भी अधिक अध्याय थे । <span class="GRef"> पद्मपुराण 16.112 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) वृषभदेव द्वारा बनाया गया एक अनुपलब्ध व्याकरण शास्त्र । इसमें सौ से भी अधिक अध्याय थे । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_16#112|पद्मपुराण - 16.112]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) वृषभदेव के बावनवें गणधर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12.64 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) वृषभदेव के बावनवें गणधर । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_12#64|हरिवंशपुराण - 12.64]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:31, 27 November 2023
(1) वृषभदेव द्वारा बनाया गया एक अनुपलब्ध व्याकरण शास्त्र । इसमें सौ से भी अधिक अध्याय थे । पद्मपुराण - 16.112
(2) वृषभदेव के बावनवें गणधर । हरिवंशपुराण - 12.64