विष्णुपुर: Difference between revisions
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<p> समवसरण का एक भाग । इसके त्रिलोकसार आदि पचासी नाम हैं । गणधर की इच्छा होते ही कुबेर इसका निर्माण करता है । हरिवंशपुराण 57.111-124</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> समवसरण का एक भाग । इसके त्रिलोकसार आदि पचासी नाम हैं । गणधर की इच्छा होते ही कुबेर इसका निर्माण करता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_57#111|हरिवंशपुराण - 57.111-124]] </span></p> | ||
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समवसरण का एक भाग । इसके त्रिलोकसार आदि पचासी नाम हैं । गणधर की इच्छा होते ही कुबेर इसका निर्माण करता है । हरिवंशपुराण - 57.111-124