गोदावरी: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के आर्यखंड की एक नदी । यह निरंतर प्रवाहित रहने वाली और अनेक धाराओं से युक्त नदी है । <span class="GRef"> महापुराण 29. 60, 85, 30.60-61 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) भरतक्षेत्र के आर्यखंड की एक नदी । यह निरंतर प्रवाहित रहने वाली और अनेक धाराओं से युक्त नदी है । <span class="GRef"> महापुराण 29. 60, 85, 30.60-61 </span></p> | ||
<p id="2">(2) गोपेंद्र और गोपश्री की पुत्री । कालकूट भीलराज द्वारा गोपेंद्र की गायें हरण किये जाने पर राजा काष्ठांगार ने घोषणा की थी कि जो गोपेंद्र की गायों को छुड़ाकर लायेगा उसके साथ इस कन्या का विवाह करा दिया जायगा । जीवंधर कुमार ने गंधाढ के पुत्र नंदाढ को साथ लेकर कालकूट को पराजित किया और गायों का विमोचन करा दिया । यह सूचना राजा को दे दी गयी कि नंदाढ ने गायों का विमोचन कराया है । घोषणा के अनुसार राजा ने नंदाढ के साथ इसका विवाह करा दिया । <span class="GRef"> महापुराण 75. 287-300 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) गोपेंद्र और गोपश्री की पुत्री । कालकूट भीलराज द्वारा गोपेंद्र की गायें हरण किये जाने पर राजा काष्ठांगार ने घोषणा की थी कि जो गोपेंद्र की गायों को छुड़ाकर लायेगा उसके साथ इस कन्या का विवाह करा दिया जायगा । जीवंधर कुमार ने गंधाढ के पुत्र नंदाढ को साथ लेकर कालकूट को पराजित किया और गायों का विमोचन करा दिया । यह सूचना राजा को दे दी गयी कि नंदाढ ने गायों का विमोचन कराया है । घोषणा के अनुसार राजा ने नंदाढ के साथ इसका विवाह करा दिया । <span class="GRef"> महापुराण 75. 287-300 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:08, 28 December 2023
सिद्धांतकोष से
भरत क्षेत्र आर्यखंड की एक नदी–देखें मनुष्य - 4।
पुराणकोष से
(1) भरतक्षेत्र के आर्यखंड की एक नदी । यह निरंतर प्रवाहित रहने वाली और अनेक धाराओं से युक्त नदी है । महापुराण 29. 60, 85, 30.60-61
(2) गोपेंद्र और गोपश्री की पुत्री । कालकूट भीलराज द्वारा गोपेंद्र की गायें हरण किये जाने पर राजा काष्ठांगार ने घोषणा की थी कि जो गोपेंद्र की गायों को छुड़ाकर लायेगा उसके साथ इस कन्या का विवाह करा दिया जायगा । जीवंधर कुमार ने गंधाढ के पुत्र नंदाढ को साथ लेकर कालकूट को पराजित किया और गायों का विमोचन करा दिया । यह सूचना राजा को दे दी गयी कि नंदाढ ने गायों का विमोचन कराया है । घोषणा के अनुसार राजा ने नंदाढ के साथ इसका विवाह करा दिया । महापुराण 75. 287-300