मूर्तिक: Difference between revisions
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Latest revision as of 09:35, 12 January 2024
पंचास्तिकाय/मूल/99 जे खलु इंदिय गज्झा विसया जीवेहिं होंति ते मुत्ता । सेसं हवदि अमुत्तं.... ।99। = जो पदार्थ जीवों के इंद्रियग्राह्य विषय हैं, वे मूर्त हैं और शेष पदार्थ समूह अमूर्त हैं । (प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका/131; पंचाध्यायी / उत्तरार्ध/7)
विशेष जानकारी के लिए देखें मूर्त।