चक्रक: Difference between revisions
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<p> माहेंद्र स्वर्ग का एक विमान । <span class="GRef"> महापुराण 62.78 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> माहेंद्र स्वर्ग का एक विमान । <span class="GRef"> महापुराण 62.78 </span></p> | ||
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Latest revision as of 22:40, 22 January 2024
सिद्धांतकोष से
वादी का बात करते हुए पुन:-पुन: घूमकर वहीं आ जाना चक्रक दोष है: (श्लोकवार्तिक/4/न्या.459/555)।
पुराणकोष से
माहेंद्र स्वर्ग का एक विमान । महापुराण 62.78