तृणस्पर्श: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
Komaljain7 (talk | contribs) No edit summary |
||
(2 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> मुनि-चर्या के बाईस परीषहों में एक परीषह । इसमें मुनि सूखे कठोर तृण आदि से उत्पन्न वेदना को सहन करते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 36.123 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> मुनि-चर्या के बाईस परीषहों में एक परीषह । इसमें मुनि सूखे कठोर तृण आदि से उत्पन्न वेदना को सहन करते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 36.123 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: त]] | [[Category: त]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 13:42, 1 February 2024
मुनि-चर्या के बाईस परीषहों में एक परीषह । इसमें मुनि सूखे कठोर तृण आदि से उत्पन्न वेदना को सहन करते हैं । महापुराण 36.123