ज्ञानज्ञेय अद्वैतनय: Difference between revisions
From जैनकोष
RoshanJain (talk | contribs) mNo edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef">प्रवचनसार/तत्व प्रदीपिका/परिशिष्ठ/नय नं.</span></span><span class="SanskritText"> तत्तु द्रव्यनयेन पटमात्रवच्चिन्मात्रम् ।१।..... ।२४। ज्ञानज्ञेतद्वैतनयेन परप्रतिबिम्बसंपृक्तदर्पणवदनेकम् ....</span>=<span class="HindiText">१. ....२४. '''ज्ञानज्ञेय अद्वैतनय''' से महान् ईन्धनसमूहरूप परिणत अग्नि की भांति एक है। २५. ज्ञानज्ञेय द्वैतनय से, पर के प्रतिबिम्बों से संपृक्त दर्पण की भांति अनेक है। ..... </span> | |||
<span class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[नय#I.5.4 |नय I.5.4 ]]।</span> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 10: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: ज्ञ]] | [[Category: ज्ञ]] | ||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 16:27, 12 February 2024
प्रवचनसार/तत्व प्रदीपिका/परिशिष्ठ/नय नं. तत्तु द्रव्यनयेन पटमात्रवच्चिन्मात्रम् ।१।..... ।२४। ज्ञानज्ञेतद्वैतनयेन परप्रतिबिम्बसंपृक्तदर्पणवदनेकम् ....=१. ....२४. ज्ञानज्ञेय अद्वैतनय से महान् ईन्धनसमूहरूप परिणत अग्नि की भांति एक है। २५. ज्ञानज्ञेय द्वैतनय से, पर के प्रतिबिम्बों से संपृक्त दर्पण की भांति अनेक है। .....
अधिक जानकारी के लिये देखें नय I.5.4 ।