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<div class="HindiText"> <p class="HindiText"> दशानन का पक्षधर एक नृप । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_10#36|पद्मपुराण - 10.36-37]] </span></p> | |||
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Latest revision as of 15:39, 16 February 2024
सिद्धांतकोष से
( धवला 14/5,6,641/495/4 )–सिलामयपव्वएसु उक्किण्णबावीकूव-तलाय-जिणधरादीणि टंकाणि णाम। =शिलामय पर्वतों में उकीरे गये वापी, कुँआ, तालाब, और जिनघर आदि टंक कहलाते हैं।
पुराणकोष से
दशानन का पक्षधर एक नृप । पद्मपुराण - 10.36-37