सुमाली: Difference between revisions
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रावण का दादा था। इंद्र नामक विद्याधर से हारकर पाताल लंका में रहने लगा था। <span class="GRef">( पद्मपुराण/7/133 )</span> | <p class="HindiText">रावण का दादा था। इंद्र नामक विद्याधर से हारकर पाताल लंका में रहने लगा था। <span class="GRef">( पद्मपुराण/7/133 )</span></p> | ||
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<div class="HindiText"> <p> अलंकारपुर के राजा सुकेश और रानी इंद्राणी का दूसरा पुत्र। माली का यह छोटा भाई तथा माल्यवान् का अग्रज था। इसका विवाह प्रीतिकूटपुर के राजा प्रीतिकांत की पुत्री प्रीति से हुआ था। यह इंद्र विद्याधर से हारकर अलंकारपुर नगर (पाताल लंका) में रहने लगा था। प्रीतिमति रानी से इसका रत्नश्रवा नाम का पुत्र यही हुआ था। <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_6#530|पद्मपुराण - 6.530-531]], 566, 7. 133 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> अलंकारपुर के राजा सुकेश और रानी इंद्राणी का दूसरा पुत्र। माली का यह छोटा भाई तथा माल्यवान् का अग्रज था। इसका विवाह प्रीतिकूटपुर के राजा प्रीतिकांत की पुत्री प्रीति से हुआ था। यह इंद्र विद्याधर से हारकर अलंकारपुर नगर (पाताल लंका) में रहने लगा था। प्रीतिमति रानी से इसका रत्नश्रवा नाम का पुत्र यही हुआ था। <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_6#530|पद्मपुराण - 6.530-531]], 566, 7. 133 </span></p> | ||
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Latest revision as of 10:44, 24 February 2024
सिद्धांतकोष से
रावण का दादा था। इंद्र नामक विद्याधर से हारकर पाताल लंका में रहने लगा था। ( पद्मपुराण/7/133 )
पुराणकोष से
अलंकारपुर के राजा सुकेश और रानी इंद्राणी का दूसरा पुत्र। माली का यह छोटा भाई तथा माल्यवान् का अग्रज था। इसका विवाह प्रीतिकूटपुर के राजा प्रीतिकांत की पुत्री प्रीति से हुआ था। यह इंद्र विद्याधर से हारकर अलंकारपुर नगर (पाताल लंका) में रहने लगा था। प्रीतिमति रानी से इसका रत्नश्रवा नाम का पुत्र यही हुआ था। पद्मपुराण - 6.530-531, 566, 7. 133