स्वयंभूस्तोत्र: Difference between revisions
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<p class="HindiText">आचार्य समंतभद्र (ई.श.2) कृत यह ग्रंथ संस्कृत छंदों में रचा गया है। इसमें 24 तीर्थंकरों का स्तवन किया है, और वह भी न्यायपूर्वक अनेकांत की स्थापना करते हुए। 2,3 के अतिरिक्त सभी तीर्थंकरों के स्तवन में 5,5 श्लोक हैं। कुल श्लोक 143 हैं।</p> | |||
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Latest revision as of 15:58, 29 February 2024
आचार्य समंतभद्र (ई.श.2) कृत यह ग्रंथ संस्कृत छंदों में रचा गया है। इसमें 24 तीर्थंकरों का स्तवन किया है, और वह भी न्यायपूर्वक अनेकांत की स्थापना करते हुए। 2,3 के अतिरिक्त सभी तीर्थंकरों के स्तवन में 5,5 श्लोक हैं। कुल श्लोक 143 हैं।