शिवार्य: Difference between revisions
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वास्तव में इनका ही नाम शिवकोटि था, क्योंकि भगवज्जिनसेन ने आदि पुराण में इसी नाम का उल्लेख किया है। आर्य तो इनका विशेषण था जैसे कि स्वयं इन्होंने अपने तीनों गुरुओं के नाम के साथ आर्य विशेषण जोड़कर उल्लेख किया | <div class="HindiText"> | ||
वास्तव में इनका ही नाम शिवकोटि था, क्योंकि भगवज्जिनसेन ने आदि पुराण में इसी नाम का उल्लेख किया है। आर्य तो इनका विशेषण था जैसे कि स्वयं इन्होंने अपने तीनों गुरुओं के नाम के साथ आर्य विशेषण जोड़कर उल्लेख किया है -देखें [[ शिवकोटि ]]। <span class="GRef"> (महापुराण/प्रस्तावना 45 पं.पन्नालाल) </span> </div> | |||
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Latest revision as of 16:18, 1 March 2024
वास्तव में इनका ही नाम शिवकोटि था, क्योंकि भगवज्जिनसेन ने आदि पुराण में इसी नाम का उल्लेख किया है। आर्य तो इनका विशेषण था जैसे कि स्वयं इन्होंने अपने तीनों गुरुओं के नाम के साथ आर्य विशेषण जोड़कर उल्लेख किया है -देखें शिवकोटि । (महापुराण/प्रस्तावना 45 पं.पन्नालाल)