श्यामकुमार: Difference between revisions
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<span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति अधिकार 2/348-349</span><span class="PrakritText"> सिकदाणणासिपत्ता महबलकाला य सामसबला हि। रुद्दंबरिसा विलसिदणामो महरुद्दखरणामा ॥348॥ कालग्गिरुद्दणामा कुंभो वेतरणिपहुदिअसुरसुरा। गंतूण बालुकंतं णारइयाणं पकोपंति ॥349॥</span> | |||
<span class="HindiText">= सिकतानन, असिपत्र, महाबल, महाकाल, '''श्याम''' और शबल, रूद्र, अंबरीष, बिलसित, महारूद्र, महाखर, काल तथा अग्निरुद्र, कुंभ और वैतरणि आदिक असुरकुमार जाति के देव तीसरी बालुकाप्रभा पृथिवी तक जाकर नारकियों को क्रोधित करते हैं।</span> | |||
<span class="HindiText">असुरकुमार (भवनवासी देव) - अधिक जानकारी के लिये देखें [[ असुर ]]।</span> | |||
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तिलोयपण्णत्ति अधिकार 2/348-349 सिकदाणणासिपत्ता महबलकाला य सामसबला हि। रुद्दंबरिसा विलसिदणामो महरुद्दखरणामा ॥348॥ कालग्गिरुद्दणामा कुंभो वेतरणिपहुदिअसुरसुरा। गंतूण बालुकंतं णारइयाणं पकोपंति ॥349॥ = सिकतानन, असिपत्र, महाबल, महाकाल, श्याम और शबल, रूद्र, अंबरीष, बिलसित, महारूद्र, महाखर, काल तथा अग्निरुद्र, कुंभ और वैतरणि आदिक असुरकुमार जाति के देव तीसरी बालुकाप्रभा पृथिवी तक जाकर नारकियों को क्रोधित करते हैं।
असुरकुमार (भवनवासी देव) - अधिक जानकारी के लिये देखें असुर ।