प्रवचनसार - गाथा 224.3 - अर्थ: Difference between revisions
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स्वभाव से उनकी परिणति प्रमादमयी होती है, इसलिए उन्हें प्रमदा कहा गया है, और इसलिए वे प्रमाद बहुल-प्रमाद की अधिकता वाली कही गई हैं ॥२४६॥