मंदरार्य: Difference between revisions
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Revision as of 22:20, 27 February 2015
पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार आप अर्हद्बलि के शिष्य तथा मित्रवीर के गुरु थे। समय वी. नि. ५८० (ई. ५३)– देखें - इतिहास / ७ / ८ ।