मत्सर: Difference between revisions
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न्या. द./भाष्य की टिप्पणी/४/१/३/२३० प्रक्षीयमाणवस्त्वपरित्यागेच्छा मत्सर:। = जिस वस्तु में अपना कोई प्रयोजन न हो, पर उसमें प्रतिसन्धान करना, पर-व्यक्ति के अनुकूल पदार्थ के निवारण की अथवा उसके घात की अथवा उसके गुणों के घात की इच्छा करना मत्सर है।