संभिन्नमति: Difference between revisions
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म.पु./सर्ग/श्लोक महाबल (ऋषभदेव का पूर्व का नवमा भव) राजा का एक मिथ्यादृष्टि मन्त्री था (४/१९१)। इसने राजसभा में नास्तित्व मत की सिद्धि की थी (५/३७-३८)। अन्त में मरकर निगोद गया (१०/७)।