विचिकित्सा: Difference between revisions
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Revision as of 15:12, 13 May 2020
साधुओं को मलिन देखकर उनसे घृणा करना । इसका फल दुःखदायी होता है । दमितारि की पुत्री कनकश्री को आर्यिका से घृणा करने के कारण बहुत दुःख उठाना पड़ा था । महापुराण 62. 499-501 देखें निर्विचिकित्सा