तरंगमाला: Difference between revisions
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<p> दधिमुख नगर के राजा गन्धर्व और रानी अमरा की छोटी पुत्री । यह चन्द्रलेखा और विद्युत्प्रभा की छोटी बहिन थी । तीनों बहिनों का विवाह राम से किया गया था । पद्मपुराण 51.25-26, 48 तरंगवेग― एक विद्याधर । इसने श्रीभूति पुरोहित की पुत्री वेदवती को उसके पूर्वभव में (हथिनी की पर्याय में) मरणासन्न अवस्था में णमोकार मंत्र सुनाया था, जिसके प्रभाव से वह श्रीभूति पुरोहित की वेदवती नाम की पुत्री हुई । पद्मपुराण 106.138-141</p> | <p> दधिमुख नगर के राजा गन्धर्व और रानी अमरा की छोटी पुत्री । यह चन्द्रलेखा और विद्युत्प्रभा की छोटी बहिन थी । तीनों बहिनों का विवाह राम से किया गया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 51.25-26, 48 </span>तरंगवेग― एक विद्याधर । इसने श्रीभूति पुरोहित की पुत्री वेदवती को उसके पूर्वभव में (हथिनी की पर्याय में) मरणासन्न अवस्था में णमोकार मंत्र सुनाया था, जिसके प्रभाव से वह श्रीभूति पुरोहित की वेदवती नाम की पुत्री हुई । <span class="GRef"> पद्मपुराण 106.138-141 </span></p> | ||
Revision as of 21:41, 5 July 2020
दधिमुख नगर के राजा गन्धर्व और रानी अमरा की छोटी पुत्री । यह चन्द्रलेखा और विद्युत्प्रभा की छोटी बहिन थी । तीनों बहिनों का विवाह राम से किया गया था । पद्मपुराण 51.25-26, 48 तरंगवेग― एक विद्याधर । इसने श्रीभूति पुरोहित की पुत्री वेदवती को उसके पूर्वभव में (हथिनी की पर्याय में) मरणासन्न अवस्था में णमोकार मंत्र सुनाया था, जिसके प्रभाव से वह श्रीभूति पुरोहित की वेदवती नाम की पुत्री हुई । पद्मपुराण 106.138-141