आर्यमंक्षु: Difference between revisions
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दिगम्बर आम्नायमें आपका स्थान आ. पुष्पदन्त तथा भूतबलीके समकक्ष है। आ. गुणधरसे आगत पेज्ज दोसपाहुड के ज्ञानको आचार्य परम्परा द्वारा प्राप्त करके आपने तथा नागहस्तिने यतिवृषभाचार्य की दिया था। समय-वी.नि.६००-६५०(ई.७३-१२३) विशेष दे.कोश १। परिशिष्ट ३/३) | दिगम्बर आम्नायमें आपका स्थान आ. पुष्पदन्त तथा भूतबलीके समकक्ष है। आ. गुणधरसे आगत पेज्ज दोसपाहुड के ज्ञानको आचार्य परम्परा द्वारा प्राप्त करके आपने तथा नागहस्तिने यतिवृषभाचार्य की दिया था। समय-वी.नि.६००-६५०(ई.७३-१२३) विशेष दे.कोश १। परिशिष्ट ३/३)<br> | ||
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Revision as of 23:31, 8 May 2009
दिगम्बर आम्नायमें आपका स्थान आ. पुष्पदन्त तथा भूतबलीके समकक्ष है। आ. गुणधरसे आगत पेज्ज दोसपाहुड के ज्ञानको आचार्य परम्परा द्वारा प्राप्त करके आपने तथा नागहस्तिने यतिवृषभाचार्य की दिया था। समय-वी.नि.६००-६५०(ई.७३-१२३) विशेष दे.कोश १। परिशिष्ट ३/३)