ऊर्जयंत: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
== सिद्धांतकोष से == | | ||
== सिद्धांतकोष से == | |||
<p>सौराष्ट्र देशके जूनागढ़ नगरमें स्थित गिरनारपर्वत।</p> | <p>सौराष्ट्र देशके जूनागढ़ नगरमें स्थित गिरनारपर्वत।</p> | ||
Line 13: | Line 14: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<p> सौराष्ट्र देश का एक पर्वत (गिरनार) । यहाँ तीर्थंकर नेमिनाथ के लिए समवसरण की रचना की गयी थी । यहीं उनका निर्वाण हुआ था । इसी पर्वत पर इंद्र ने लोक में पवित्र सिद्ध-शिला का निर्माण करके उस पर जिनेंद्र भगवान् के लक्षण वज्र से उत्कीर्ण किये थे । <span class="GRef"> महापुराण 30.102, 71.275, 72. 2172-274, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20 36, 58, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 1. 115, 33.155, 59.125, 65.14 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 22.78 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> सौराष्ट्र देश का एक पर्वत (गिरनार) । यहाँ तीर्थंकर नेमिनाथ के लिए समवसरण की रचना की गयी थी । यहीं उनका निर्वाण हुआ था । इसी पर्वत पर इंद्र ने लोक में पवित्र सिद्ध-शिला का निर्माण करके उस पर जिनेंद्र भगवान् के लक्षण वज्र से उत्कीर्ण किये थे । <span class="GRef"> महापुराण 30.102, 71.275, 72. 2172-274, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20 36, 58, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 1. 115, 33.155, 59.125, 65.14 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 22.78 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 16:52, 14 November 2020
सिद्धांतकोष से
सौराष्ट्र देशके जूनागढ़ नगरमें स्थित गिरनारपर्वत।
पुराणकोष से
सौराष्ट्र देश का एक पर्वत (गिरनार) । यहाँ तीर्थंकर नेमिनाथ के लिए समवसरण की रचना की गयी थी । यहीं उनका निर्वाण हुआ था । इसी पर्वत पर इंद्र ने लोक में पवित्र सिद्ध-शिला का निर्माण करके उस पर जिनेंद्र भगवान् के लक्षण वज्र से उत्कीर्ण किये थे । महापुराण 30.102, 71.275, 72. 2172-274, पद्मपुराण 20 36, 58, हरिवंशपुराण 1. 115, 33.155, 59.125, 65.14 पांडवपुराण 22.78