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| <p> जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र में जीव के अभयदाता, धैर्ययुक्त, धनिक आर्यों की निवासभूमि इसी में विदेह देश है । यहाँ अनेक मुनियों ने तपस्या करके विदेह अवस्था (मुक्तावस्था) प्राप्त की है । इसे आर्यक्षेत्र भी कहते हैं । यह तीर्थंकरों की जन्म और विहार की स्थली है । <span class="GRef"> महापुराण 48.51, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 1.73-75 </span></p>
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| [[Category: पुराण-कोष]]
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| [[Category: आ]]
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