|
|
(3 intermediate revisions by the same user not shown) |
Line 1: |
Line 1: |
| <p id="1"> (1) विद्याधर वंशज एक नृप । यह चन्द्र का पुत्र और इन्द्र का पिता था । पद्मपुराण 5.50</p>
| |
| <p id="2">(2) राजा के सेवक विशालाक्ष विद्याधर का पुत्र । अर्जुन ने वनवास के समय इसे पराजित कर अपना सारथी बनाया था । इसके कहने से अर्जुन विजयार्ध पर गया और इन्द्र के शत्रुओं का विनाश करके उसे शत्रु रहित किया । पांडवपुराण 17.50, 33-38, 55-56, 60-61</p>
| |
|
| |
|
| |
|
| <noinclude>
| | #REDIRECT [[चंद्रशेखर]] |
| [[ चन्द्रवर्मा | पूर्व पृष्ठ ]] | |
| | |
| [[ चन्द्रसेन | अगला पृष्ठ ]]
| |
| | |
| </noinclude>
| |
| [[Category: पुराण-कोष]]
| |
| [[Category: च]]
| |