अर्थापत्ति समा जाति: Difference between revisions
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< | <span class="SanskritText"><span class="GRef">न्यायदर्शन सूत्र / मूल या टीका अध्याय 5/1/21 </span> अर्थापत्तितः प्रतिपक्षसिद्धैरर्थापत्तिसमः।</p> | ||
< | <span class="HindiText">= अर्थापत्तिसे प्रतिपक्षके साधन करने वाले हेतु को अर्थापत्तिसमा कहते हैं। जैसे वादी-द्वारा शब्द के अनित्यत्व में प्रयत्नांतरीयकत्वरूप हेतु के दिये जाने पर, प्रतिवादी कहता है, कि यदि प्रयत्नांतरीयकत्व रूप अनित्य धर्म के साधर्म्य के कारण शब्द अनित्य है तो अस्पर्शवत्त्वरूप नित्य धर्म के साधर्म्य से वह नित्य भी हो जाओ।</span> | ||
< | ( <span class="GRef"> श्लोकवार्तिक पुस्तक 4/न्या.402/516/27 </span>) | ||
Revision as of 08:13, 16 July 2021
न्यायदर्शन सूत्र / मूल या टीका अध्याय 5/1/21 अर्थापत्तितः प्रतिपक्षसिद्धैरर्थापत्तिसमः।= अर्थापत्तिसे प्रतिपक्षके साधन करने वाले हेतु को अर्थापत्तिसमा कहते हैं। जैसे वादी-द्वारा शब्द के अनित्यत्व में प्रयत्नांतरीयकत्वरूप हेतु के दिये जाने पर, प्रतिवादी कहता है, कि यदि प्रयत्नांतरीयकत्व रूप अनित्य धर्म के साधर्म्य के कारण शब्द अनित्य है तो अस्पर्शवत्त्वरूप नित्य धर्म के साधर्म्य से वह नित्य भी हो जाओ। ( श्लोकवार्तिक पुस्तक 4/न्या.402/516/27 )