पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 139: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class=" | <div class="G_PrakritGatha"> | ||
<p>इंदियकसायसण्णा णिग्गहिदा जेहिं सुट्ठुमग्गम्मि । (139)</p> | <p>इंदियकसायसण्णा णिग्गहिदा जेहिं सुट्ठुमग्गम्मि । (139)</p> | ||
<p>जावत्तावत्तेसिं पिहिदं पावासवच्छिद्दं ॥149॥</p> | <p>जावत्तावत्तेसिं पिहिदं पावासवच्छिद्दं ॥149॥</p> | ||
</div> | </div> |
Latest revision as of 10:55, 21 August 2021
इंदियकसायसण्णा णिग्गहिदा जेहिं सुट्ठुमग्गम्मि । (139)
जावत्तावत्तेसिं पिहिदं पावासवच्छिद्दं ॥149॥