पंचास्तिकाय संग्रह-सूत्र - गाथा 32: Difference between revisions
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<p>जह पउमरायरयणं खित्तं खीरे पहासयदि खीरं । (32)</p> | <p>जह पउमरायरयणं खित्तं खीरे पहासयदि खीरं । (32)</p> | ||
<p>तह देही देहत्थो सदेहमेत्तं पभासयदि ॥33॥</p> | <p>तह देही देहत्थो सदेहमेत्तं पभासयदि ॥33॥</p> | ||
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Latest revision as of 10:55, 21 August 2021
जह पउमरायरयणं खित्तं खीरे पहासयदि खीरं । (32)
तह देही देहत्थो सदेहमेत्तं पभासयदि ॥33॥