पद्मपुराण: Difference between revisions
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<li> चन्द्र कीर्ति भट्टारक (ई. 1597) कृत ‘पद्मपुराण’। (ती./3/441)। </li> | <li> चन्द्र कीर्ति भट्टारक (ई. 1597) कृत ‘पद्मपुराण’। (ती./3/441)। </li> | ||
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Latest revision as of 20:03, 8 July 2022
पद्मपुराण नाम के कई ग्रन्थ उपलब्ध हैं, सभी राम रावण की कथा के प्रतिपादक हैं। -
- आ. विमल सुरि (ई. श. 4) कृत 7 अधिकारों में विभक्त 118 सर्ग प्रमाण अपभ्रंश काव्य। ती./2/257)
- आ. कीर्तिधर (ई. 900) कृत ‘रामकथा’के आधार पर आ. रविषेण द्वारा ई. 977 में रचित संस्कृत पद्यबद्ध ‘पद्म चरित’, जो छ: खण्डों तथा 12 पर्वों में विभक्त 20,000 श्लोक प्रमाण है। (ती/2/179)
- कवि स्वयम्भू (ई.738-840) कृत ‘पउम चरिउ’ नामक अपभ्रंश काव्य, जो 90 सन्धियों में विभक्त 12000 श्लोक प्रमाण है। (ती./4/98)।
- कवि रइधू ई. (140-1479) कृत ‘पउम चरिउ’ नामक अपभ्रंश काव्य (ती./4/198)।
- चन्द्र कीर्ति भट्टारक (ई. 1597) कृत ‘पद्मपुराण’। (ती./3/441)।