प्रतीति: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> | <p><span class="GRef"> धवला 1/1,1,11/166/7 </span><span class="SanskritText">दृष्टिः श्रद्धा रुचिः प्रत्यय इति यावत् ।</span> = <span class="HindiText">दृष्टि, श्रद्धा, रुचि और प्रत्यय (प्रतीति) ये पर्यायवाची नाम हैं ।</span><br /> | ||
<span class="GRef"> पंचाध्यायी / उत्तरार्ध/412 </span><span class="SanskritText">प्रतीतिस्तु तथेति स्यात्स्वीकारः ... ।412।</span> <span class="HindiText">तत्त्वार्थ का स्वरूप जिस प्रकार है, वह उसी प्रकार है, ऐसा स्वीकार करना प्रतीति कहलाती है ।</span></p> | |||
[[प्रतीच्य | | <noinclude> | ||
[[ प्रतीच्य | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:प]] | [[ प्रतीत्य सत्य | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: प]] | |||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 15:12, 12 August 2022
धवला 1/1,1,11/166/7 दृष्टिः श्रद्धा रुचिः प्रत्यय इति यावत् । = दृष्टि, श्रद्धा, रुचि और प्रत्यय (प्रतीति) ये पर्यायवाची नाम हैं ।
पंचाध्यायी / उत्तरार्ध/412 प्रतीतिस्तु तथेति स्यात्स्वीकारः ... ।412। तत्त्वार्थ का स्वरूप जिस प्रकार है, वह उसी प्रकार है, ऐसा स्वीकार करना प्रतीति कहलाती है ।