दीति: Difference between revisions
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हरिवंशपुराण/22/51-55 यह धरणेंद्र की देवी है। इसने धरणेंद्र की आज्ञा से तपभ्रष्ट नमि तथा विनमि को विद्याएँ तथा औषधियाँ दी थीं। | <span class="GRef"> हरिवंशपुराण/22/51-55 </span>यह धरणेंद्र की देवी है। इसने धरणेंद्र की आज्ञा से तपभ्रष्ट नमि तथा विनमि को विद्याएँ तथा औषधियाँ दी थीं। | ||
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हरिवंशपुराण/22/51-55 यह धरणेंद्र की देवी है। इसने धरणेंद्र की आज्ञा से तपभ्रष्ट नमि तथा विनमि को विद्याएँ तथा औषधियाँ दी थीं।