नास्तिक्य: Difference between revisions
From जैनकोष
m (Vikasnd moved page नास्तिक्य to नास्तिक्य without leaving a redirect: RemoveZWNJChar) |
mNo edit summary |
||
(4 intermediate revisions by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef"> सिद्धि विनिश्चय/मू./4/12/271</span> <span class="SanskritText">तत्रेति द्वेधा नास्तिक्यं प्रज्ञासत् प्रज्ञप्तिसत् । तथादृष्टमदृष्टं वा तत्त्वमित्यात्मविद्विषाम् । </span>=<span class="HindiText">नास्तिक्य दो प्रकार का है–प्रज्ञासत् व प्रज्ञप्तिसत्, अर्थात् बाह्य व आध्यात्मिक। बाह्य में दृष्ट घट स्तंभादि ही सत् हैं, इनसे अतिरिक्त जीव अजीवादि तत्त्व कुछ नहीं है, ऐसी मान्यता वाले चार्वाक प्रज्ञासत् नास्तिक हैं। अंतरंग में प्रतिभासित संवित्ति या ज्ञानप्रकाश ही सत् है, उससे अतिरिक्त बाह्य के घट स्तंभ आदि पदार्थ अथवा जीव अजीव आदि तत्त्व कुछ नहीं हैं, ऐसी मान्यता वाले सौगात (बौद्ध) प्रज्ञप्ति सत् नास्तिक हैं। </span> | |||
[[नास्तिक वाद | | <noinclude> | ||
[[ नास्तिक वाद | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:न]] | [[ नास्तित्व नय | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: न]] | |||
[[Category: द्रव्यानुयोग]] |
Latest revision as of 10:05, 14 August 2022
सिद्धि विनिश्चय/मू./4/12/271 तत्रेति द्वेधा नास्तिक्यं प्रज्ञासत् प्रज्ञप्तिसत् । तथादृष्टमदृष्टं वा तत्त्वमित्यात्मविद्विषाम् । =नास्तिक्य दो प्रकार का है–प्रज्ञासत् व प्रज्ञप्तिसत्, अर्थात् बाह्य व आध्यात्मिक। बाह्य में दृष्ट घट स्तंभादि ही सत् हैं, इनसे अतिरिक्त जीव अजीवादि तत्त्व कुछ नहीं है, ऐसी मान्यता वाले चार्वाक प्रज्ञासत् नास्तिक हैं। अंतरंग में प्रतिभासित संवित्ति या ज्ञानप्रकाश ही सत् है, उससे अतिरिक्त बाह्य के घट स्तंभ आदि पदार्थ अथवा जीव अजीव आदि तत्त्व कुछ नहीं हैं, ऐसी मान्यता वाले सौगात (बौद्ध) प्रज्ञप्ति सत् नास्तिक हैं।